Read Quran translation in Hindi with verse-by-verse meaning and time-relevant explanations for deeper understanding.

कुरआन की आयत 3:159 की पूरी व्याख्या

 

1. आयत का अरबी पाठ (Arabic Text)

فَبِمَا رَحْمَةٍ مِّنَ اللَّهِ لِنتَ لَهُمْ ۖ وَلَوْ كُنتَ فَظًّا غَلِيظَ الْقَلْبِ لَانفَضُّوا مِنْ حَوْلِكَ ۖ فَاعْفُ عَنْهُمْ وَاسْتَغْفِرْ لَهُمْ وَشَ.awِرْهُمْ فِي الْأَمْرِ ۖ فَإِذَا عَزَمْتَ فَتَوَكَّلْ عَلَى اللَّهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ يُحِبُّ الْمُتَوَكِّلِينَ

2. आयत का शाब्दिक अर्थ (Word-to-Word Meaning)

  • فَبِمَا رَحْمَةٍ مِّنَ اللَّهِ : तो अल्लाह की दया के कारण

  • لِنتَ لَهُمْ : आप उनके लिए नर्म स्वभाव वाले हैं

  • ۖ وَلَوْ كُنتَ فَظًّا : और यदि आप रूखे होते

  • غَلِيظَ الْقَلْبِ : सख्त दिल वाले

  • لَانفَضُّوا مِنْ حَوْلِكَ : तो वे आपके आसपास से तितर-बितर हो जाते

  • ۖ فَاعْفُ عَنْهُمْ : तो आप उन्हें माफ कर दें

  • وَاسْتَغْفِرْ لَهُمْ : और उनके लिए माफी मांगें

  • وَشَاوِرْهُمْ فِي الْأَمْرِ : और उनसे मामले में सलाह लें

  • ۖ فَإِذَا عَزَمْتَ : फिर जब आप दृढ़ निश्चय कर लें

  • فَتَوَكَّلْ عَلَى اللَّهِ : तो अल्लाह पर भरोसा रखें

  • ۚ إِنَّ اللَّهَ يُحِبُّ الْمُتَوَكِّلِينَ : निश्चय ही अल्लाह भरोसा रखने वालों से प्यार करता है

3. सरल अर्थ (Simple Meaning in Hindi)

"तो अल्लाह की दया के कारण आप उनके लिए नर्म स्वभाव वाले हैं, और यदि आप रूखे और सख्त दिल वाले होते तो वे आपके आसपास से तितर-बितर हो जाते। इसलिए आप उन्हें माफ कर दें, उनके लिए माफी मांगें, और उनसे मामले में सलाह लें। फिर जब आप दृढ़ निश्चय कर लें, तो अल्लाह पर भरोसा रखें। निश्चय ही अल्लाह भरोसा रखने वालों से प्यार करता है।"


4. आयत की पृष्ठभूमि और सन्दर्भ (Context)

यह आयत उहुद की लड़ाई के बाद उतरी, जब मुसलमानों को कुछ सहाबा की गलती के कारण नुकसान उठाना पड़ा था। इस मुश्किल समय में पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने जिस नर्मी, सहनशीलता और समझदारी से काम लिया, उसकी तारीफ में यह आयत उतरी। यह आयत नेतृत्व के गुणों को बहुत खूबसूरती से बयान करती है।


5. आयत से सीख (Lesson from the Verse)

यह आयत कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है:

  1. नर्म स्वभाव का महत्व: लोगों के साथ नर्मी और दयालुता से पेश आना सफल नेतृत्व की पहली शर्त है।

  2. क्षमाशीलता: दूसरों की गलतियों को माफ करना और उनके लिए अल्लाह से माफी मांगना एक महान गुण है।

  3. सलाह-मशविरा: महत्वपूर्ण मामलों में दूसरों की राय लेना और उन्हें महत्व देना जरूरी है।

  4. अल्लाह पर भरोसा: निर्णय लेने के बाद अल्लाह पर पूरा भरोसा रखना चाहिए।


6. प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevance: Past, Present & Future)

वर्तमान में प्रासंगिकता (Contemporary Audience Perspective):

आज के संदर्भ में यह आयत बेहद प्रासंगिक है:

  • नेतृत्व कौशल (Leadership Skills): आज के कॉर्पोरेट जगत, राजनीति और सामाजिक संगठनों में सफल नेतृत्व के लिए यह आयत एक आदर्श मार्गदर्शक है। एक सफल लीडर वही होता है जो:

    • अपनी टीम के साथ नर्मी से पेश आए

    • उनकी गलतियों को माफ करे

    • महत्वपूर्ण फैसलों में सबकी राय ले

    • अंतिम निर्णय लेने के बाद आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े

  • पारिवारिक जीवन (Family Life): परिवार में रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए:

    • पति-पत्नी के बीच नर्मी और सहनशीलता

    • बच्चों की गलतियों को माफ करना

    • पारिवारिक मामलों में सबकी राय लेना

    • हर काम में अल्लाह पर भरोसा रखना

  • शिक्षा क्षेत्र (Education Sector): एक अच्छे शिक्षक के लिए यह आयत बताती है कि:

    • छात्रों के साथ नर्मी से पेश आना

    • उनकी गलतियों को सुधारने का मौका देना

    • कक्षा में सबकी राय को महत्व देना

  • सामाजिक संबंध (Social Relations): आज के दौर में जहाँ लोगों का आपसी व्यवहार कठोर होता जा रहा है, यह आयत नर्मी, क्षमा और सलाह-मशविरे जैसे गुणों की ओर बुलाती है।

भविष्य के लिए संदेश:

  • यह आयत भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थाई मार्गदर्शक है कि "सफल नेतृत्व और अच्छे संबंधों की नींव नर्मी, क्षमा और परामर्श पर टिकी होती है।" भविष्य में चाहे समाज कितना भी आधुनिक क्यों न हो जाए, यह मानवीय मूल्य सदैव प्रासंगिक रहेंगे।


निष्कर्ष (Conclusion)

कुरआन की आयत 3:159 नेतृत्व और मानवीय संबंधों का एक संपूर्ण कोड है। यह न केवल पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के उच्च चरित्र की ओर इशारा करती है, बल्कि हर युग के इंसान के लिए एक व्यावहारिक जीवन-शिक्षा है। यह हमें सिखाती है कि दूसरों के साथ नर्मी से पेश आएं, उनकी गलतियों को माफ करें, महत्वपूर्ण मामलों में सलाह लें, और हर कदम पर अल्लाह पर भरोसा रखें। यह आयत आज के कठोर और भागदौड़ भरे युग में हमारे लिए एक मार्गदर्शक किरण का काम करती है।