Read Quran translation in Hindi with verse-by-verse meaning and time-relevant explanations for deeper understanding.

कुरआन की आयत 3:185 की पूरी व्याख्या

 

1. आयत का अरबी पाठ (Arabic Text)

كُلُّ نَفْسٍ ذَائِقَةُ الْمَوْتِ ۗ وَإِنَّمَا تُوَفَّوْنَ أُجُورَكُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۖ فَمَن زُحْزِحَ عَنِ النَّارِ وَأُدْخِلَ الْجَنَّةَ فَقَدْ فَازَ ۗ وَمَا الْحَيَاةُ الدُّنْيَا إِلَّا مَتَاعُ الْغُرُورِ

2. आयत का शाब्दिक अर्थ (Word-to-Word Meaning)

  • كُلُّ نَفْسٍ : हर प्राणी

  • ذَائِقَةُ الْمَوْتِ : मौत का स्वाद चखने वाला है

  • ۗ وَإِنَّمَا : और केवल

  • تُوَفَّوْنَ : तुम्हें पूरा दिया जाएगा

  • أُجُورَكُمْ : तुम्हारे बदले

  • يَوْمَ الْقِيَامَةِ : क़यामत के दिन

  • ۖ فَمَن زُحْزِحَ : तो जो दूर कर दिया गया

  • عَنِ النَّارِ : आग से

  • وَأُدْخِلَ الْجَنَّةَ : और दाखिल किया गया जन्नत में

  • فَقَدْ فَازَ : तो वह सफल हो गया

  • ۗ وَمَا الْحَيَاةُ الدُّنْيَا : और दुनिया की ज़िंदगी

  • إِلَّا مَتَاعُ الْغُرُورِ : धोखे के सामान के सिवा कुछ नहीं

3. सरल अर्थ (Simple Meaning in Hindi)

"हर प्राणी मौत का स्वाद चखने वाला है। और तुम्हें तुम्हारे पूरे बदले क़यामत के दिन ही दिए जाएँगे। फिर जो आग से दूर कर दिया गया और जन्नत में दाखिल किया गया, वह सफल हो गया। और दुनिया की ज़िंदगी धोखे के सामान के सिवा कुछ नहीं है।"


4. आयत की पृष्ठभूमि और सन्दर्भ (Context)

यह आयत मानव जीवन के सबसे बड़े सत्य - मौत और आखिरत - को समझाती है। यह लोगों को दुनिया की मोह-माया से आगाह करती है और आखिरत की सफलता को ही असली सफलता बताती है।


5. आयत से सीख (Lesson from the Verse)

यह आयत कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है:

  1. मौत का सार्वभौमिक सत्य: हर इंसान को मरना है, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या स्थिति में हो।

  2. आखिरत का बदला: असली बदला आखिरत में मिलेगा, दुनिया में नहीं।

  3. सफलता की परिभाषा: असली सफलता जहन्नम से बचना और जन्नत पाना है।

  4. दुनिया की हकीकत: दुनिया की ज़िंदगी धोखे का सामान है, स्थाई नहीं।


6. प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevance: Past, Present & Future)

वर्तमान में प्रासंगिकता :

आज के संदर्भ में यह आयत बेहद प्रासंगिक है:

  • भौतिकवादी दृष्टिकोण: आज का इंसान दुनिया को ही सब कुछ मान बैठा है। यह आयत उसे याद दिलाती है कि दुनिया की ज़िंदगी स्थाई नहीं है और असली जीवन तो आखिरत का है।

  • मानसिक शांति: जब इंसान जानता है कि मौत एक सच्चाई है और आखिरत में उसे उसके कर्मों का बदला मिलेगा, तो उसे दुनिया की परेशानियों और नाइंसाफी में भी मानसिक शांति मिलती है।

  • जीवन का लक्ष्य: आज के युवाओं के लिए यह आयत जीवन का सही लक्ष्य निर्धारित करती है - जन्नत पाना और जहन्नम से बचना, न कि सिर्फ दुनियावी सफलता हासिल करना।

  • नैतिक मूल्य: यह आयत लोगों को नैतिकता और ईमानदारी से जीने की प्रेरणा देती है क्योंकि उन्हें आखिरत में अपने कर्मों का हिसाब देना है।

भविष्य के लिए संदेश:

  • यह आयत भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थाई मार्गदर्शक है कि "असली सफलता आखिरत की सफलता है और दुनिया की ज़िंदगी धोखे के सिवा कुछ नहीं।" भविष्य में चाहे दुनिया कितनी भी आधुनिक क्यों न हो जाए, यह सत्य सदैव प्रासंगिक रहेगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

कुरआन की आयत 3:185 मानव जीवन के सबसे गहन सत्यों को संक्षेप में प्रस्तुत करती है। यह न केवल एक ऐतिहासिक घटना का विवरण है, बल्कि हर युग के इंसान के लिए एक व्यावहारिक जीवन-शिक्षा है। यह हमें सिखाती है कि मौत एक सार्वभौमिक सत्य है जिससे कोई नहीं बच सकता। असली बदला आखिरत में मिलेगा और असली सफलता जहन्नम से बचकर जन्नत में दाखिल होना है। दुनिया की ज़िंदगी धोखे के सामान के सिवा कुछ नहीं है। यह आयत आज के भौतिकवादी युग में हमारे लिए एक सचेतक और मार्गदर्शक का काम करती है, जो हमें दुनिया की चकाचौंध से निकालकर आखिरत की तैयारी की याद दिलाती है।