आयत का अरबी पाठ:
لَّعَنَهُ اللَّهُ ۘ وَقَالَ لَأَتَّخِذَنَّ مِنْ عِبَادِكَ نَصِيبًا مَّفْرُوضًا
हिंदी अनुवाद:
"अल्लाह ने उस (शैतान) पर लानत की और उसने कहा: 'मैं तेरे बंदों में से एक निश्चित भाग अवश्य लेकर रहूँगा।'"
📖 आयत का सार और सीख:
इस आयत का मुख्य संदेश शैतान की शपथ और उसके इरादों के बारे में है। यह हमें सिखाती है:
शैतान पर अल्लाह की लानत: शैतान अल्लाह की रहमत और दया से सदैव के लिए वंचित है।
शैतान का संकल्प: शैतान ने ठान लिया है कि वह इंसानों के एक निश्चित हिस्से को गुमराह करके रहेगा।
मानवजाति के लिए चेतावनी: हमें शैतान के षड्यंत्रों से सावधान रहना चाहिए।
🕰️ ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Past Relevance):
शैतान की कहानी का हिस्सा: यह आयत शैतान के उस वक्तव्य का वर्णन करती है जब उसने आदम को सजदा करने से इनकार किया था।
मानवजाति के लिए खतरे की घोषणा: शैतान ने खुले तौर पर घोषणा की कि वह इंसानों को गुमराह करने का प्रयास करेगा।
ईमान वालों के लिए सतर्कता: मोमिनीन को शैतान के षड्यंत्रों से आगाह करना।
💡 वर्तमान और भविष्य के लिए प्रासंगिकता (Contemporary & Future Relevance):
1. आध्यात्मिक सतर्कता:
शैतानी प्रलोभनों से बचाव: गलत कामों और बुराइयों से दूर रहना।
ईमान की सुरक्षा: अपने ईमान को शैतान के हमलों से बचाना।
2. सामाजिक बुराइयाँ:
भ्रष्टाचार और अनैतिकता: शैतान के बहकावे में आकर गलत रास्ते पर चलना।
पारिवारिक विघटन: शैतान के प्रभाव से परिवारों में तनाव और झगड़े।
3. युवाओं के लिए मार्गदर्शन:
गलत संगत से बचाव: शैतान के बहकावे में आकर नशे और अपराध की दुनिया में पड़ना।
सही राह का चयन: शैतान के प्रलोभनों से बचते हुए सीधे रास्ते पर चलना।
4. डिजिटल युग में प्रासंगिकता:
ऑनलाइन प्रलोभन: इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फैली बुराइयाँ।
साइबर अपराध: हैकिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे शैतानी काम।
5. मानसिक स्वास्थ्य:
नकारात्मक विचार: शैतान के वसवसे (बुरे ख्यालात) से बचाव।
आत्महत्या के विचार: शैतान के बहकावे में आकर खुदकुशी के विचार।
6. भविष्य के लिए मार्गदर्शन:
तकनीकी चुनौतियाँ: AI और वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से शैतानी प्रभाव।
नैतिक मूल्यों का संरक्षण: भविष्य की पीढ़ियों को शैतान के प्रभाव से बचाना।
निष्कर्ष:
कुरआन की यह आयत शैतान के खतरनाक इरादों और उसकी शपथ से हमें आगाह करती है। यह सिखाती है कि शैतान ने खुलकर घोषणा कर दी है कि वह इंसानों के एक बड़े हिस्से को गुमराह करेगा। आधुनिक युग में जहाँ शैतान के प्रलोभन और नए-नए रूप सामने आ रहे हैं, यह आयत हमें चेतावनी देती है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अल्लाह की शरण में रहना चाहिए। शैतान के षड्यंत्रों से बचने का एकमात्र उपाय अल्लाह की पनाह माँगना और उसके बताए हुए रास्ते पर चलना है।
वालहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
(और सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो सारे जहानों का पालनहार है)