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कुरआन की आयत 4:120 की पूरी व्याख्या

 आयत का अरबी पाठ:

يَعِدُهُمْ وَيُمَنِّيهِمْ ۖ وَمَا يَعِدُهُمُ الشَّيْطَانُ إِلَّا غُرُورًا

हिंदी अनुवाद:
"वह (शैतान) उनसे वादे करता है और उन्हें झूठी आशाएँ देता है, और शैतान उनसे जो वादे करता है वह केवल धोखा है।"


📖 आयत का सार और सीख:

इस आयत का मुख्य संदेश शैतान के झूठे वादों और धोखे की प्रकृति के बारे में है। यह हमें सिखाती है:

  1. शैतान की रणनीति: वादे करना और झूठी आशाएँ देना

  2. वादों की वास्तविकता: शैतान के सभी वादे केवल धोखा और भ्रम हैं

  3. सतर्कता की आवश्यकता: शैतान के प्रलोभनों से सावधान रहना


🕰️ ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Past Relevance):

  • मक्का के मूर्तिपूजकों के लिए चेतावनी: यह आयत उन लोगों के लिए उतरी जो शैतान के बहकावे में आकर मूर्तिपूजा करते थे।

  • शैतानी धोखे का खुलासा: मूर्तिपूजकों को समझाया गया कि शैतान के वादे सिर्फ धोखा हैं।

  • ईमान वालों के लिए मार्गदर्शन: मोमिनीन को शैतान के प्रलोभनों से बचने की शिक्षा देना।


💡 वर्तमान और भविष्य के लिए प्रासंगिकता (Contemporary & Future Relevance):

1. शैतान के आधुनिक प्रलोभन:

  • धन और संपत्ति का लालच: अवैध तरीकों से अमीर बनने का प्रलोभन

  • सत्ता और पद का मोह: गलत तरीकों से ऊँचे पद पर पहुँचने का वादा

  • शोहरत और प्रसिद्धि: बिना मेहनत के नाम कमाने का भ्रम

2. युवाओं के लिए खतरे:

  • नशीली दवाओं का प्रलोभन: "एक बार try करने से कुछ नहीं होगा" का झूठा वादा

  • अनैतिक संबंध: "आजादी" के नाम पर गलत रास्ते पर ले जाना

  • ऑनलाइन धोखे: इंटरनेट पर आसान पैसे कमाने के झूठे वादे

3. सामाजिक और पारिवारिक जीवन:

  • वैवाहिक धोखे: शादी के बाहर संबंधों का प्रलोभन

  • पारिवारिक विघटन: "आजाद ख्याल" के नाम पर परिवार तोड़ना

  • भ्रष्टाचार: रिश्वत लेने के "फायदों" का भ्रम

4. आर्थिक प्रलोभन:

  • जुए का धोखा: "एक ही बार में अमीर बन जाओगे" का झूठ

  • पोंजी स्कीम: "जल्दी अमीर बनने" के झूठे वादे

  • अवैध व्यापार: गैर-कानूनी तरीकों से पैसा कमाने का प्रलोभन

5. डिजिटल युग में प्रासंगिकता:

  • सोशल मीडिया के झूठे वादे: "वायरल" होने का भ्रम

  • ऑनलाइन स्कैम: "आसानी से पैसा कमाएँ" के धोखे

  • साइबर अपराध: "पकड़े नहीं जाओगे" का झूठा विश्वास

6. भविष्य के लिए मार्गदर्शन:

  • तकनीकी प्रलोभन: AI के माध्यम से नए-नए धोखे

  • वर्चुअल वास्तविकता: काल्पनिक दुनिया के झूठे सुख

  • जेनेटिक इंजीनियरिंग: "परफेक्ट लाइफ" के झूठे वादे


निष्कर्ष:

कुरआन की यह आयत शैतान के धोखे और झूठे वादों की वास्तविकता को उजागर करती है। यह सिखाती है कि शैतान का एकमात्र उद्देश्य इंसान को धोखा देना और गुमराह करना है। आधुनिक युग में जहाँ शैतान के प्रलोभन नए-नए रूप ले रहे हैं, यह आयत हमें चेतावनी देती है कि हमें हमेशा सजग रहना चाहिए और शैतान के झूठे वादों में नहीं आना चाहिए। सच्ची सफलता और खुशी केवल अल्लाह के मार्ग पर चलने में है, न कि शैतान के भ्रमजाल में फँसने में।

वालहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
(और सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो सारे जहानों का पालनहार है)