अरबी आयत (Arabic Verse):
﴿أُولَٰئِكَ جَزَاؤُهُم مَّغْفِرَةٌ مِّن رَّبِّهِمْ وَجَنَّاتٌ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا ۚ وَنِعْمَ أَجْرُ الْعَامِلِينَ﴾
(Surah Aal-e-Imran, Ayat 136)
शब्दार्थ (Word Meanings):
- أُولَٰئِكَ (Ulaa'ika): ऐसे ही लोग। 
- جَزَاؤُهُم (Jazaa'uhum): उनका बदला है। 
- مَّغْفِرَةٌ (Maghfiratun): माफ़ी। 
- مِّن رَّبِّهِمْ (Min Rabbihim): उनके रब की तरफ से। 
- وَجَنَّاتٌ (Wa Jannatun): और बाग़ (जन्नतें)। 
- تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ (Tajree min tahtihal-anhaaru): जिनके नीचे नहरें बहती हैं। 
- خَالِدِينَ فِيهَا (Khaalideena feehaa): उसमें हमेशा रहने वाले। 
- وَنِعْمَ أَجْرُ (Wa ni'ma ajru): और कितना अच्छा है बदला। 
- الْعَامِلِينَ (Al-'aamileen): अमल करने वालों का। 
सरल व्याख्या (Simple Explanation):
इस आयत का अर्थ है: "ऐसे ही लोगों का बदला है उनके रब की तरफ से माफ़ी और ऐसे बाग (जन्नतें) जिनके नीचे नहरें बहती हैं, जिनमें वे हमेशा रहेंगे। और अमल करने वालों का कितना अच्छा बदला है!"
यह आयत पिछली दो आयतों (134-135) में वर्णित उन परहेज़गार लोगों के लिए अंतिम और शानदार पुरस्कार की घोषणा करती है, जिनके चरित्र का वर्णन किया गया था।
गहन विश्लेषण और सबक (In-Depth Analysis & Lessons):
1. पुरस्कार का क्रम (The Sequence of the Reward):
पुरस्कार का क्रम बहुत सुंदर और तार्किक है:
- पहला पुरस्कार: "मग़फ़िरत" (माफ़ी): यह अतीत के पापों की सफाई है। इसके बिना कोई भी इनाम महत्वपूर्ण नहीं है। 
- दूसरा पुरस्कार: "जन्नात" (बाग़): यह भविष्य का अनंत सुख है। 
2. जन्नत का विवरण (The Description of Jannah):
- "जिनके नीचे नहरें बहती हैं": यह शांति, ताजगी, शुद्धता और सुख की परम अवस्था का प्रतीक है। 
- "खालिदीना फीहा" (उसमें हमेशा रहने वाले): यह सबसे बड़ा पुरस्कार है - अनन्तता। कोई मौत नहीं, कोई बुढ़ापा नहीं, बस शाश्वत सुख। 
3. अल्लाह की प्रशंसा (Allah's Acclamation):
"व नि'म अज्रुल आमिलीन" (और कितना अच्छा है अमल करने वालों का बदला) - यह अल्लाह की तरफ से एक सराहना और प्रशंसा है। यह दर्शाता है कि अल्लाह अपने बंदों के छोटे-छोटे प्रयासों को इतना बड़ा और खूबसूरत इनाम देकर स्वयं खुश हो रहा है।
प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevance: Past, Present & Future)
अतीत (Past) में:
यह आयत पैगंबर ﷺ के सहाबा के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणा थी, जो उन्हें बताती थी कि उनकी कुरबानियों और संघर्षों का इनाम केवल दुनिया की सफलता नहीं, बल्कि यह अनंत और अद्भुत पुरस्कार है।
वर्तमान (Present) में एक आधुनिक दृष्टिकोण (With a Contemporary Audience Perspective):
आज के युग में, जहाँ लोग तुरंत मिलने वाले इनाम (Instant Gratification) के आदी हैं और लंबे समय के लक्ष्यों से हतोत्साहित होते हैं, यह आयत एक गहरा मनोवैज्ञ्ञानिक और आध्यात्मिक प्रभाव रखती है:
- लंबे समय के निवेश का महत्व (The Value of Long-Term Investment): - आज लोग शेयर बाजार, एफडी में पैसा लगाते हैं, लेकिन आध्यात्मिक निवेश भूल जाते हैं। यह आयत बताती है कि "नेक अमल" दुनिया का सबसे बड़ा निवेश है, जिसका रिटर्न "अनन्त जन्नत" के रूप में मिलता है। यह हमें हमारे प्रयासों के लिए एक "लॉन्ग-टर्म विजन" देती है। 
 
- मानसिक शांति और आशा (Mental Peace and Hope): - जो लोग अपने पिछले गुनाहों से तंग आ चुके हैं, उनके लिए "मग़फ़िरत" (माफ़ी) शब्द एक गहरी आशा और मानसिक शांति लाता है। यह बताता है कि अल्लाह का दरवाज़ा हमेशा खुला है और उसकी माफ़ी हमें एक नई शुरुआत का मौका देती है। 
 
- सफलता की वास्तविक परिभाषा (The Real Definition of Success): - आज की दुनिया सफलता को एक बंगले, महँगी गाड़ी और बैंक बैलेंस में मापती है। यह आयत हमें बताती है कि असली सफलता "अल्लाह की माफ़ी और अनंत जन्नत" को प्राप्त करना है। यह हमारे जीवन के प्राथमिकताओं को सही करती है। 
 
- प्रयासों की कद्र (Valuing Efforts): - अक्सर लोग सोचते हैं कि उनके छोटे-छोटे अच्छे कामों (एक दान, एक सच्चाई, किसी की मदद) का कोई मूल्य नहीं है। अल्लाह का यह कथन "कितना अच्छा है बदला" हमारे प्रयासों की कद्र करता है और हमें प्रोत्साहित करता है कि कोई भी नेकी, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, अल्लाह के यहाँ बर्बाद नहीं जाएगी। 
 
- एक आदर्श प्रेरणा (An Ideal Motivation): - यह आयत डर (जहन्नुम) के बजाय प्यार और इनाम (जन्नत) के जरिए प्रेरणा देती है। यह एक सकारात्मक और आकर्षक दृष्टिकोण है, खासकर युवाओं के लिए, जो उन्हें एक खूबसूरत लक्ष्य की ओर आकर्षित कर सकता है। 
 
भविष्य (Future) के लिए:
यह आयत कयामत तक हर पीढ़ी के लिए एक स्थायी प्रेरणा और आश्वासन बनी रहेगी:
- अच्छाई का अंत हमेशा अच्छा ही होता है। 
- अल्लाह का वादा सच्चा है और उसका इनाम अद्भुत है। 
- मानव जीवन का उद्देश्य इस अनंत सुख को प्राप्त करना है। 
सारांश (Conclusion):
यह आयत पिछली आयतों में वर्णित उच्च चरित्र के लिए एक शानदार समापन है। यह हमें बताती है कि अल्लाह के रास्ते पर चलने का अंतिम परिणाम निराशा या हानि नहीं, बल्कि एक ऐसी पूर्ण और संपूर्ण सफलता है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती - अतीत की माफ़ी और भविष्य का अनंत सुख। यह आयत हर मोमिन के दिल में एक गहरी आशा, एक दृढ़ विश्वास और अल्लाह की असीम दया के प्रति एक कृतज्ञता का भाव भर देती है। यह इस बात का प्रमाण है कि इस्लाम केवल प्रतिबंधों का धर्म नहीं, बल्कि अनंत पुरस्कार और दया का सन्देश है।