Read Quran translation in Hindi with verse-by-verse meaning and time-relevant explanations for deeper understanding.

कुरआन की आयत 3:196 की पूरी व्याख्या

 

1. आयत का अरबी पाठ (Arabic Text)

لَا يَغُرَّنَّكَ تَقَلُّبُ الَّذِينَ كَفَرُوا فِي الْبِلَادِ

2. आयत का शाब्दिक अर्थ (Word-to-Word Meaning)

  • لَا يَغُرَّنَّكَ : तुम्हें धोखा न दे

  • تَقَلُّبُ : घूमना-फिरना, सफलता

  • الَّذِينَ كَفَرُوا : जिन लोगों ने कुफ्र किया

  • فِي الْبِلَادِ : शहरों/देशों में

3. सरल अर्थ (Simple Meaning in Hindi)

"(ऐ पैगंबर!) आपको काफिरों का देशों में घूमना-फिरना (और उनकी सांसारिक सफलता) धोखा न दे।"


4. आयत की पृष्ठभूमि और सन्दर्भ (Context)

यह आयत पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और मोमिनीन को दिलासा देती है। जब काफिर व्यापार करते, धन कमाते और दुनियावी सुख-सुविधाओं में मग्न दिखते थे, तो कुछ मुसलमानों को लगता था कि शायद काफिर सही रास्ते पर हैं। इस आयत में अल्लाह स्पष्ट करता है कि उनकी यह सांसारिक सफलता धोखे के सिवा कुछ नहीं है।


5. आयत से सीख (Lesson from the Verse)

यह आयत कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है:

  1. बाहरी दिखावे से सावधानी: दुनियावी सफलता और ऐश्वर्य को सत्य का मापदंड न समझें

  2. असली सफलता का मापदंड: असली सफलता ईमान और तक्वा में है, न कि धन-दौलत में

  3. धैर्य रखना: काफिरों की सांसारिक सफलता देखकर घबराना नहीं चाहिए

  4. दृष्टिकोण सही रखना: हमेशा आखिरत को ध्यान में रखकर जीवन व्यतीत करना चाहिए


6. प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevance: Past, Present & Future)

वर्तमान में प्रासंगिकता :

आज के संदर्भ में यह आयत बेहद प्रासंगिक है:

  • भौतिकवादी समाज: आज का समाज पैसे और सुख-सुविधाओं को सफलता का पैमाना मानता है। यह आयत याद दिलाती है कि यह सब धोखा है।

  • मीडिया और सोशल मीडिया का प्रभाव: टीवी और सोशल मीडिया पर काफिरों की शानो-शौकत देखकर मुसलमान कभी-कभी भ्रमित हो जाते हैं। यह आयत उन्हें सचेत करती है।

  • युवाओं के लिए मार्गदर्शन: आज के युवा सेलेब्रिटीज और अमीर लोगों की जीवनशैली से प्रभावित होते हैं। यह आयत उन्हें समझाती है कि असली सफलता का मापदंड यह नहीं है।

  • आर्थिक प्रतिबंध: जब मुस्लिम देश आर्थिक मुश्किलों से गुजर रहे हों और काफिर देश फल-फूल रहे हों, तो यह आयत हिम्मत देती है कि यह सब अस्थायी है।

भविष्य के लिए संदेश:

  • यह आयत भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थाई मार्गदर्शक है कि "काफिरों की सांसारिक सफलता को कभी भी सत्य का मापदंड नहीं समझना चाहिए।" भविष्य में चाहे दुनिया कितनी भी बदल जाए, यह सिद्धांत सदैव प्रासंगिक रहेगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

कुरआन की आयत 3:196 मोमिनीन के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी और मार्गदर्शन है। यह न केवल एक ऐतिहासिक घटना का विवरण है, बल्कि हर युग के मुसलमान के लिए एक व्यावहारिक जीवन-शिक्षा है। यह हमें सिखाती है कि काफिरों की दुनियावी सफलता और ऐश्वर्य से कभी धोखा नहीं खाना चाहिए। असली सफलता तो आखिरत की सफलता है और वह ईमान और तक्वा से ही मिलेगी। यह आयत आज के भौतिकवादी और दिखावे के युग में हमारे लिए एक सचेतक का काम करती है और हमें सही दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देती है।