1. आयत का अरबी पाठ (Arabic Text)
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا اصْبِرُوا وَصَابِرُوا وَرَابِطُوا وَاتَّقُوا اللَّهَ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُونَ
2. आयत का शाब्दिक अर्थ (Word-to-Word Meaning)
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا : ऐ ईमान वालो!
اصْبِرُوا : सब्र करो
وَصَابِرُوا : और मुकाबला करो (दृढ़ रहो)
وَرَابِطُوا : और डटे रहो (सीमाओं की रखवाली करो)
وَاتَّقُوا اللَّهَ : और अल्लाह से डरो
لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُونَ : ताकि तुम सफल हो जाओ
3. सरल अर्थ (Simple Meaning in Hindi)
"ऐ ईमान वालो! सब्र करो, (मुश्किलों का) मुकाबला करो, और (अल्लाह की राह में) डटे रहो, और अल्लाह से डरो ताकि तुम सफल हो जाओ।"
4. आयत की पृष्ठभूमि और सन्दर्भ (Context)
यह आयत सूरह आले इमरान की आखिरी आयत है। यह पूरे सूरह का सार प्रस्तुत करती है। इस सूरह में ईमान वालों के लिए बहुत सी शिक्षाएं और निर्देश दिए गए हैं, और इस आयत में उन सबका सार संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।
5. आयत से सीख (Lesson from the Verse)
यह आयत चार महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है:
सब्र (धैर्य): हर परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना
मुकाबला (संघर्ष): मुश्किलों का डटकर सामना करना
रिबात (जिहाद में डटे रहना): अल्लाह के रास्ते में मोर्चों पर डटे रहना
तक्वा (परहेज़गारी): हर हाल में अल्लाह से डरते रहना
6. प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevance: Past, Present & Future)
वर्तमान में प्रासंगिकता :
आज के संदर्भ में यह आयत बेहद प्रासंगिक है:
व्यक्तिगत जीवन: आज के तनाव भरे जीवन में सब्र और धैर्य की बहुत आवश्यकता है। परिवार, नौकरी, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में सब्र करना जरूरी है।
सामाजिक चुनौतियाँ: इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ हो रहे प्रचार और विरोध का डटकर सामना करना आज की जरूरत है।
आध्यात्मिक संघर्ष: नफ्स और शैतान के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहना और ईमान की रक्षा करना।
युवाओं के लिए मार्गदर्शन: आज के युवाओं को फितना और गुनाह के दौर में अपने ईमान की हिफाजत करने के लिए इस आयत से मार्गदर्शन मिलता है।
भविष्य के लिए संदेश:
यह आयत भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थाई मार्गदर्शक है कि "सब्र, संघर्ष, डटे रहना और तक्वा - यही सफलता की कुंजी है।" भविष्य में चाहे चुनौतियाँ कैसी भी हों, यह फॉर्मूला सदैव कारगर रहेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
कुरआन की आयत 3:200 पूरे सूरह आले इमरान का सार प्रस्तुत करती है। यह न केवल एक आयत है, बल्कि मुसलमानों के लिए एक संपूर्ण जीवन-दर्शन है। यह हमें सिखाती है कि सफलता के लिए चार चीजें जरूरी हैं: सब्र करना, मुश्किलों का मुकाबला करना, अल्लाह के रास्ते में डटे रहना और हर हाल में अल्लाह से डरते रहना। यह आयत आज के संघर्षों और चुनौतियों भरे युग में हमारे लिए एक मार्गदर्शक और प्रेरणा का स्रोत है। इस आयत में बताए गए सिद्धांतों पर चलकर ही हम दुनिया और आखिरत दोनों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।