﴿يَسْأَلُونَكَ مَاذَا أُحِلَّ لَهُمْ ۖ قُلْ أُحِلَّ لَكُمُ الطَّيِّبَاتُ ۙ وَمَا عَلَّمْتُم مِّنَ الْجَوَارِحِ مُكَلِّبِينَ تُعَلِّمُونَهُنَّ مِمَّا عَلَّمَكُمُ اللَّهُ ۖ فَكُلُوا مِمَّا أَمْسَكْنَ عَلَيْكُمْ وَاذْكُرُوا اسْمَ اللَّهِ عَلَيْهِ ۖ وَاتَّقُوا اللَّهَ ۚ إِنَّ اللَّهَ سَرِيعُ الْحِسَابِ﴾
(सूरह अल-माइदा, आयत नंबर 4)
अरबी शब्दों के अर्थ (Word-by-Word Meaning)
يَسْأَلُونَكَ: वे आपसे पूछते हैं।
مَاذَا: क्या?
أُحِلَّ: हलाल (वैध) किया गया है।
لَهُمْ: उनके लिए।
قُل: (आप) कह दीजिए।
أُحِلَّ: हलाल किया गया है।
لَكُم: तुम्हारे लिए।
الطَّيِّبَاتُ: पाक (शुद्ध/अच्छी) चीज़ें।
وَمَا: और वह (जानवर) जिसे।
عَلَّمْتُم: तुमने सिखाया है।
مِّنَ الْجَوَارِحِ: शिकारी जानवरों (जैसे बाज, कुत्ता) में से।
مُكَلِّبِينَ: (तुमने उन्हें) प्रशिक्षित किया है (शिकार के लिए)।
تُعَلِّمُونَهُنَّ: तुम उन्हें सिखाते हो।
مِمَّا: उस (ज्ञान) में से।
عَلَّمَكُمُ: तुम्हें सिखाया है।
اللَّهُ: अल्लाह ने।
فَكُلُوا: तो तुम खाओ।
مِمَّा: उसमें से।
أَمْسَكْنَ: उन्होंने (शिकार) पकड़ लिया।
عَلَيْكُمْ: तुम्हारे लिए।
وَاذْكُرُوا: और याद करो (बिस्मिल्लाह बोलो)।
اسْمَ اللَّهِ: अल्लाह का नाम।
عَلَيْهِ: उस (शिकार) पर।
وَاتَّقُوا اللَّهَ: और अल्लाह से डरो।
إِنَّ اللَّهَ: बेशक अल्लाह।
سَرِيعُ الْحِسَابِ: जल्दी हिसाब लेने वाला है।
पूरी आयत का अर्थ (Full Translation in Hindi)
"वे आपसे पूछते हैं कि उनके लिए क्या-क्या हलाल (वैध) किया गया है? आप कह दीजिए: तुम्हारे लिए सभी पवित्र और अच्छी चीज़ें हलाल की गई हैं। और (वह शिकार भी हलाल है) जिसे तुमने शिकारी जानवरों (जैसे कुत्ते, बाज़) से पकड़वाया है, जिन्हें तुमने अल्लाह द्वारा सिखाए गए ज्ञान (कौशल) से प्रशिक्षित किया है। तो उनके द्वारा तुम्हारे लिए पकड़े गए शिकार में से खाओ, और उस (जानवर) पर अल्लाह का नाम लो (बिस्मिल्लाह कहो), और अल्लाह से डरो। निश्चय ही अल्लाह बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है।"
विस्तृत व्याख्या (Full Explanation in Hindi)
यह आयत पिछली आयतों में बताई गई हराम (वर्जित) चीज़ों के बाद उतरी, ताकि लोगों के मन में उठ रहे सवाल का जवाब दिया जा सके कि आखिर "हलाल" क्या है? यह आयत एक बहुत ही सकारात्मक और व्यापक सिद्धांत प्रस्तुत करती है।
1. मूल सिद्धांत: "अत-तय्यिबात" (पवित्र चीज़ें)
आयत का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत यह है कि सारी पवित्र, अच्छी और शुद्ध चीज़ें मूल रूप से हलाल हैं। इस्लाम का नज़रिया नकारात्मक नहीं है कि "सब कुछ हराम है"। बल्कि, यह सकारात्मक और व्यापक है कि "सब कुछ हलाल है, सिवाय उन कुछ विशेष चीज़ों के जिन्हें अल्लाह ने स्पष्ट रूप से हराम ठहराया है।" "तय्यिबात" में साफ-सुथरा, स्वस्थ और नैतिक रूप से प्राप्त किया गया हर तरह का भोजन और सामान शामिल है।
2. शिकार की विधि का विस्तार:
पिछली आयत में इहराम की हालत में शिकार की मनाही थी। इस आयत में सामान्य हालत में शिकार के नियम बताए गए हैं।
प्रशिक्षित जानवरों द्वारा शिकार: आयत उन प्रशिक्षित जानवरों (जवारिह) द्वारा किए गए शिकार को हलाल घोषित करती है, जैसे कुत्ता, बाज़, बाज़ आदि।
शर्तें:
प्रशिक्षण: जानवर को शिकार के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया हो। वह शिकार को सिर्फ खेल या मनोरंजन के लिए न पकड़े, बल्कि अपने मालिक के लिए पकड़े।
अल्लाह का नाम: शिकार को छोड़ते समय "बिस्मिल्लाह" (अल्लाह के नाम से) कहा जाए। यह इस बात का प्रतीक है कि यह कार्य अल्लाह की इजाजत और उसके नाम से हो रहा है।
जानवर का शिकार को पकड़कर रखना: अगर प्रशिक्षित जानवर शिकार को पकड़ तो ले लेकिन वह मरने से पहले ही भाग जाए, तो वह हलाल नहीं है। जानवर को उसे पकड़े रहना चाहिए ताकि ज़बह किया जा सके।
3. अंतिम चेतावनी:
आयत का अंत "अल्लाह से डरो" और "निश्चय ही अल्लाह बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है" के साथ होता है। यह एक गहन शिक्षा है। यह सिर्फ बाहरी नियमों का पालन नहीं, बल्कि अल्लाह की निगरानी में रहते हुए, उससे डरते हुए जीवन व्यतीत करने का आदेश है। हर कार्य का हिसाब होगा।
सीख और शिक्षा (Lesson and Moral)
सकारात्मक दृष्टिकोण: इस्लाम एक कठोर और प्रतिबंधात्मक धर्म नहीं है। यह जीवन के सभी पवित्र और अच्छे साधनों का उपयोग करने की अनुमति देता है।
ज्ञान और प्रशिक्षण का महत्व: अल्लाह ने मनुष्य को ज्ञान और चीज़ों को सीखने-सिखाने की क्षमता दी है। इस क्षमता का उपयोग हलाल रोज़ी कमाने के लिए करना एक इबादत है। प्रशिक्षित कुत्ते का उदाहरण इस बात को दर्शाता है कि ज्ञान के उपयोग से चीज़ें हलाल हो जाती हैं।
ईश्वर-केंद्रित जीवन: हर काम की शुरुआत अल्लाह के नाम से करना और हमेशा उससे डरते रहना, एक मुसलमान की पहचान है। यह भौतिकवाद और पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता से अलग इस्लामी जीवनशैली है।
जिम्मेदारी की भावना: "इत्तक़ुल्लाह" (अल्लाह से डरो) का आदेश यह याद दिलाता है कि हमारे हर कार्य का अल्लाह के सामने हिसाब होगा। यह भावना इंसान को हर गलत काम से बचाती है।
प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevancy: Past, Contemporary Present and Future)
1. अतीत में प्रासंगिकता (Relevancy in the Past):
जाहिली अरब समाज: इस्लाम से पहले, अरब के लोग बिना किसी नियम के शिकार करते थे और हर तरह का मांस खाते थे, चाहे वह मुर्दार हो या जानवर द्वारा फाड़ा गया हो। इस आयत ने शिकार के लिए एक सभ्य और नैतिक कोड दिया।
यहूदी प्रभाव: मदीना के कुछ यहूदी समुदायों के कठोर खानपान के नियम थे। इस आयत ने इस्लाम की सहजता और उदारता को दर्शाया, जो सारी पवित्र चीज़ों को हलाल मानती है।
2. वर्तमान समय में प्रासंगिकता (Relevancy in the Contemporary Present):
हलाल फूड इंडस्ट्री: आज दुनिया भर में हलाल फूड एक बड़ा उद्योग है। यह आयत "तय्यिबात" (पवित्र चीज़ों) का सिद्धांत प्रदान करती है, जो केवल मांस तक सीमित नहीं है। इसमें ऑर्गेनिक, स्वस्थ और नैतिक रूप से उत्पादित भोजन भी शामिल हो सकता है।
पशु प्रशिक्षण और पालतू जानवर: आयत में "प्रशिक्षण" पर जोर दिया गया है। यह आज के जमाने में सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स, पुलिस डॉग्स, या गाइड डॉग्स के उपयोग को एक सकारात्मक दृष्टिकोण देता है। अगर जानवर को प्रशिक्षित किया गया है और वह उपयोगी कार्य कर रहा है, तो यह अल्लाह द्वारा दिए गए ज्ञान का एक उपयोग है।
धार्मिक स्वतंत्रता: जब मुसलमान अल्पसंख्यक होते हैं, तो यह आयत उन्हें यह आत्मविश्वास देती है कि स्थानीय भोजन जो शुद्ध और पवित्र है, वह हलाल है, बशर्ते वह स्पष्ट रूप से हराम की सूची में न आता हो।
3. भविष्य में प्रासंगिकता (Relevancy in the Future):
भोजन प्रौद्योगिकी: भविष्य में लैब-ग्रोन मीट (कल्चर्ड मीट) या कीट-आधारित प्रोटीन जैसे नए खाद्य स्रोतों के संदर्भ में, यह आयत "तय्यिबात" (शुद्धता और अच्छाई) के सिद्धांत को एक मार्गदर्शक के रूप में स्थापित करती है। अगर यह नई चीज़ स्वस्थ, साफ-सुथरी और नैतिक है और हराम की श्रेणी में नहीं आती, तो उसे हलाल माना जा सकता है।
एआई और रोबोटिक्स: भविष्य में अगर रोबोटिक्स या एआई द्वारा शिकार या भोजन का उत्पादन किया जाता है, तो आयत का सिद्धांत लागू होगा। चूंकि एआई एक प्रशिक्षित "टूल" है, इसलिए उसके द्वारा पकड़े गए शिकार को भी इसी आयत के सिद्धांत के तहत देखा जा सकता है, बशर्ते अल्लाह का नाम लिया जाए और अन्य शर्तें पूरी हों।
सार्वभौमिक मार्गदर्शन: "सारी पाक चीज़ें हलाल हैं" का सिद्धांत एक सार्वभौमिक और कालातीत मार्गदर्शन है जो भविष्य की हर नई खोज और तकनीक के लिए एक मापदंड प्रदान करेगा।
निष्कर्ष: यह आयत मुसलमानों के लिए एक सकारात्मक, व्यावहारिक और सदैव प्रासंगिक जीवन-मार्गदर्शन है। यह हलाल की परिभाषा को केवल प्रतिबंधों तक सीमित नहीं करती, बल्कि इसे शुद्धता, ज्ञान और ईश्वर-चेतना के साथ जोड़कर एक संपूर्ण जीवनशैली प्रस्तुत करती है।