Read Quran translation in Hindi with verse-by-verse meaning and time-relevant explanations for deeper understanding.

कुरआन की आयत 3:188 की पूरी व्याख्या

 

1. आयत का अरबी पाठ (Arabic Text)

لَا تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ يَفْرَحُونَ بِمَا أَتَوْا وَيُحِبُّونَ أَنْ يُحْمَدُوا بِمَا لَمْ يَفْعَلُوا فَلَا تَحْسَبَنَّهُمْ بِمَفَازَةٍ مِنَ الْعَذَابِ ۖ وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ

2. आयत का शाब्दिक अर्थ (Word-to-Word Meaning)

  • لَا تَحْسَبَنَّ : तुम कदापि न समझो

  • الَّذِينَ يَفْرَحُونَ : जो लोग खुश होते हैं

  • بِمَا أَتَوْا : उस पर जो वे लाए (बुरे कर्म)

  • وَيُحِبُّونَ : और पसंद करते हैं

  • أَنْ يُحْمَدُوا : कि उनकी प्रशंसा की जाए

  • بِمَا لَمْ يَفْعَلُوا : उस काम पर जो उन्होंने नहीं किया

  • فَلَا تَحْسَبَنَّهُمْ : तो तुम उन्हें कदापि न समझो

  • بِمَفَازَةٍ : बच जाने वाले

  • مِنَ الْعَذَابِ : अज़ाब से

  • ۖ وَلَهُمْ : और उनके लिए है

  • عَذَابٌ أَلِيمٌ : दर्दनाक अज़ाब

3. सरल अर्थ (Simple Meaning in Hindi)

"तुम उन लोगों को कदापि न समझो जो उस (बुरे काम) पर खुश होते हैं जो वे लाए हैं और पसंद करते हैं कि उनकी प्रशंसा उस काम पर की जाए जो उन्होंने नहीं किया। तो तुम उन्हें अज़ाब से बच जाने वाले न समझो, और उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है।"


4. आयत की पृष्ठभूमि और सन्दर्भ (Context)

यह आयत उन लोगों के बारे में है जो बुरे काम करके उन पर गर्व करते हैं और दूसरों के अच्छे कामों का श्रेय लेने की कोशिश करते हैं। यह विशेष रूप से यहूदी scholars और मुनाफिकीन (ढोंगियों) के बारे में उतरी जो अपनी गलतियों पर खुश होते थे और दिखावे के लिए अच्छे कामों का दावा करते थे।


5. आयत से सीख (Lesson from the Verse)

यह आयत कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है:

  1. बुराई पर गर्व न करना: बुरे काम करके उन पर खुश होना एक बड़ा पाप है।

  2. झूठी प्रशंसा: बिना काम किए प्रशंसा पाना या दूसरों के कामों का श्रेय लेना गलत है।

  3. दिखावे से सावधानी: दिखावे की धार्मिकता और झूठी प्रशंसा से बचना चाहिए।

  4. दंड का वादा: ऐसे लोगों के लिए दर्दनाक अज़ाब तैयार है।


6. प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevance: Past, Present & Future)

वर्तमान में प्रासंगिकता :

आज के संदर्भ में यह आयत बेहद प्रासंगिक है:

  • सोशल मीडिया का दिखावा: आज सोशल मीडिया पर लोग ऐसे कामों की तस्वीरें डालते हैं जो उन्होंने किए ही नहीं होते, सिर्फ लाइक्स और प्रशंसा पाने के लिए।

  • धार्मिक दिखावा: कुछ लोग मस्जिदों और धार्मिक कार्यक्रमों में सिर्फ दिखावे के लिए जाते हैं ताकि लोग उन्हें धार्मिक समझें।

  • कार्यस्थल की राजनीति: आज ऑफिसों में कुछ लोग दूसरों के कामों का श्रेय लेते हैं और अपनी गलतियों पर गर्व करते हैं।

  • युवाओं के लिए चेतावनी: आज के युवा गलत काम करके उन पर शर्म के बजाय गर्व करते हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें प्रदर्शित करते हैं।

भविष्य के लिए संदेश:

  • यह आयत भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थाई मार्गदर्शक है कि "बुरे कामों पर गर्व करना और बिना काम किए प्रशंसा पाना अल्लाह की नज़र में बहुत बड़ा पाप है।" भविष्य में चाहे समाज कितना भी आधुनिक क्यों न हो जाए, यह सिद्धांत सदैव प्रासंगिक रहेगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

कुरआन की आयत 3:188 उन लोगों के चरित्र का पर्दाफाश करती है जो बुरे कामों पर गर्व करते हैं और झूठी प्रशंसा पाना चाहते हैं। यह न केवल एक ऐतिहासिक घटना का विवरण है, बल्कि हर युग के इंसान के लिए एक व्यावहारिक जीवन-शिक्षा है। यह हमें सिखाती है कि हमें बुरे कामों पर कभी गर्व नहीं करना चाहिए और न ही बिना काम किए प्रशंसा पाने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे लोग अज़ाब से बचने वाले नहीं हैं बल्कि उनके लिए दर्दनाक अज़ाब तैयार है। यह आयत आज के दिखावे और प्रशंसा के भूखे समाज में हमारे लिए एक सचेतक का काम करती है।