Read Quran translation in Hindi with verse-by-verse meaning and time-relevant explanations for deeper understanding.

कुरआन की आयत 3:191 की पूरी व्याख्या

 

1. आयत का अरबी पाठ (Arabic Text)

الَّذِينَ يَذْكُرُونَ اللَّهَ قِيَامًا وَقُعُودًا وَعَلَىٰ جُنُوبِهِمْ وَيَتَفَكَّرُونَ فِي خَلْقِ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ رَبَّنَا مَا خَلَقْتَ هَٰذَا بَاطِلًا سُبْحَانَكَ فَقِنَا عَذَابَ النَّارِ

2. आयत का शाब्दिक अर्थ (Word-to-Word Meaning)

  • الَّذِينَ يَذْكُرُونَ اللَّهَ : जो लोग याद करते हैं अल्लाह को

  • قِيَامًا : खड़े होकर

  • وَقُعُودًا : और बैठकर

  • وَعَلَىٰ جُنُوبِهِm : और अपने पहलुओं पर लेटकर

  • وَيَتَفَكَّرُونَ : और वे गहराई से सोचते हैं

  • فِي خَلْقِ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ : आसमानों और ज़मीन की सृष्टि में

  • رَبَّنَا : हे हमारे पालनहार

  • مَا خَلَقْتَ هَٰذَا بَاطِلًا : तूने यह सब व्यर्थ नहीं बनाया

  • سُبْحَانَكَ : तू पवित्र है

  • فَقِنَا عَذَabَ النَّارِ : तो हमें बचा आग के अज़ाब से

3. सरल अर्थ (Simple Meaning in Hindi)

"जो लोग अल्लाह को याद करते हैं खड़े होकर, बैठकर और अपने पहलुओं पर लेटकर, और आसमानों और ज़मीन की सृष्टि के बारे में गहराई से सोचते हैं, (और कहते हैं): 'हे हमारे पालनहार! तूने यह सब व्यर्थ नहीं बनाया। तू पवित्र है, तो हमें आग के अज़ाब से बचा।'"


4. आयत की पृष्ठभूमि और सन्दर्भ (Context)

यह आयत पिछली आयत (3:190) का विस्तार है जहाँ आसमानों और ज़मीन की सृष्टि को अल्लाह की निशानी बताया गया था। अब इस आयत में उन लोगों के गुण बताए गए हैं जो इन निशानियों से सबक लेते हैं और हर हालत में अल्लाह को याद करते हैं।


5. आयत से सीख (Lesson from the Verse)

यह आयत कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है:

  1. निरंतर ज़िक्र: हर स्थिति में अल्लाह को याद करना चाहिए।

  2. चिंतन और विचार: ब्रह्मांड के अध्ययन और चिंतन से अल्लाह की महानता का एहसास होता है।

  3. उद्देश्यपूर्ण सृष्टि: यह संसार व्यर्थ नहीं बल्कि एक उद्देश्य से बनाया गया है।

  4. प्रार्थना का महत्व: अल्लाह से जहन्नम की आग से बचने की दुआ करनी चाहिए।


6. प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevance: Past, Present & Future)

वर्तमान में प्रासंगिकता :

आज के संदर्भ में यह आयत बेहद प्रासंगिक है:

  • आधुनिक जीवनशैली: आज की व्यस्त जीवनशैली में लोग अल्लाह को भूल गए हैं। यह आयत सिखाती है कि हर स्थिति में अल्लाह को याद रखना चाहिए।

  • वैज्ञानिक शोध: आज का वैज्ञानिक शोध ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर कर रहा है। यह आयत प्रोत्साहित करती है कि हम इन खोजों के माध्यम से अल्लाह की महानता को समझें।

  • मानसिक स्वास्थ्य: ज़िक्र और प्रार्थना से मानसिक शांति मिलती है, जो आज के तनाव भरे जीवन में बहुत जरूरी है।

  • पर्यावरण संरक्षण: चूंकि यह सृष्टि अल्लाह ने बनाई है, इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसकी रक्षा करें।

भविष्य के लिए संदेश:

  • यह आयत भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थाई मार्गदर्शक है कि "हर स्थिति में अल्लाह को याद करो और उसकी सृष्टि के बारे में सोचो।" भविष्य में चाहे दुनिया कितनी भी आधुनिक क्यों न हो जाए, यह सिद्धांत सदैव प्रासंगिक रहेगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

कुरआन की आयत 3:191 एक आदर्श मुसलमान के गुणों का वर्णन करती है। यह न केवल एक धार्मिक संदेश है, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली का मार्गदर्शक है। यह हमें सिखाती है कि हमें हर स्थिति में अल्लाह को याद करना चाहिए, उसकी सृष्टि के बारे में गहराई से सोचना चाहिए, और हमेशा अल्लाह से जहन्नम की आग से बचने की प्रार्थना करनी चाहिए। यह आयत आज के भौतिकवादी युग में हमारे लिए आध्यात्मिकता और वैज्ञानिक सोच के बीच एक सुंदर सामंजस्य स्थापित करती है।