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कुरआन की आयत 3:198 की पूरी व्याख्या

 

1. आयत का अरबी पाठ (Arabic Text)

لَٰكِنِ الَّذِينَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ لَهُمْ جَنَّاتٌ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا نُزُلًا مِّنْ عِندِ اللَّهِ ۗ وَمَا عِندَ اللَّهِ خَيْرٌ لِّلْأَبْرَارِ

2. आयत का शाब्दिक अर्थ (Word-to-Word Meaning)

  • لَٰكِنِ : किन्तु

  • الَّذِينَ اتَّقَوْا : जिन लोगों ने डर रखा

  • رَبَّهُمْ : अपने रब से

  • لَهُمْ : उनके लिए हैं

  • جَنَّاتٌ : बाग़ (जन्नतें)

  • تَجْرِي : बहती हैं

  • مِن تَحْتِهَا : उनके नीचे से

  • الْأَنْهَارُ : नहरें

  • خَالِدِينَ : सदैव रहने वाले

  • فِيهَا : उनमें

  • نُزُلًا : मेहमानी/इनाम

  • مِّنْ عِندِ اللَّهِ : अल्लाह की ओर से

  • ۗ وَمَا عِندَ اللَّهِ : और जो कुछ अल्लाह के पास है

  • خَيْرٌ : बेहतर है

  • لِّلْأَبْرَارِ : नेक लोगों के लिए

3. सरल अर्थ (Simple Meaning in Hindi)

"किन्तु जिन लोगों ने अपने रब से डर रखा, उनके लिए ऐसे बाग़ (जन्नतें) हैं जिनके नीचे नहरें बहती हैं, वे उनमें सदैव रहने वाले हैं। (यह) अल्लाह की ओर से मेहमानी है, और जो कुछ अल्लाह के पास है, वह नेक लोगों के लिए बेहतर है।"


4. आयत की पृष्ठभूमि और सन्दर्भ (Context)

यह आयत पिछली दो आयतों (3:196-197) का सीधा विपरीत है। जहाँ पहले काफिरों की दुर्दशा का वर्णन किया गया था, वहीं अब मोमिनीन की सफलता और उनके लिए तैयार की गई जन्नतों का वर्णन किया जा रहा है। यह मोमिनीन के लिए दिलासा और प्रोत्साहन है।


5. आयत से सीख (Lesson from the Verse)

यह आयत कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है:

  1. तक्वा का महत्व: अल्लाह से डरने वालों के लिए जन्नत का वादा है

  2. जन्नत का वर्णन: जन्नत में नहरें और स्थायी निवास है

  3. अल्लाह का इनाम: जन्नत अल्लाह की ओर से मेहमानी है

  4. असली सफलता: अल्लाह के पास जो कुछ है, वही सबसे बेहतर है


6. प्रासंगिकता: अतीत, वर्तमान और भविष्य (Relevance: Past, Present & Future)

वर्तमान में प्रासंगिकता :

आज के संदर्भ में यह आयत बेहद प्रासंगिक है:

  • आध्यात्मिक प्रेरणा: आज के भौतिकवादी युग में यह आयत हमें याद दिलाती है कि असली सफलता और सुख तो आखिरत में है।

  • नैतिक प्रोत्साहन: जब लोग गलत काम करके सफल होते दिखते हैं, यह आयत हमें याद दिलाती है कि नेक लोगों के लिए अल्लाह के पास सबसे बेहतर इनाम है।

  • धैर्य और संयम: ईमान की राह में आने वाली कठिनाइयों में यह आयत हमें धैर्य देती है कि हमारा इनाम जन्नत है।

  • युवाओं के लिए मार्गदर्शन: आज के युवाओं को यह आयत सिखाती है कि दुनिया की सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण आखिरत की सफलता है।

भविष्य के लिए संदेश:

  • यह आयत भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थाई मार्गदर्शक है कि "अल्लाह से डरने वालों के लिए जन्नत का वादा है और अल्लाह के पास जो कुछ है वही सबसे बेहतर है।" भविष्य में चाहे दुनिया कितनी भी आधुनिक क्यों न हो जाए, यह वादा सदैव कायम रहेगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

कुरआन की आयत 3:198 मोमिनीन के लिए आशा और प्रोत्साहन का संदेश लेकर आती है। यह न केवल एक ऐतिहासिक घटना का विवरण है, बल्कि हर युग के मुसलमान के लिए एक व्यावहारिक जीवन-शिक्षा है। यह हमें सिखाती है कि जिन लोगों ने अल्लाह से डर रखा और तक्वा अपनाया, उनके लिए जन्नतें तैयार हैं जिनके नीचे नहरें बहती हैं और वे उनमें हमेशा रहेंगे। यह अल्लाह की ओर से मेहमानी है और अल्लाह के पास जो कुछ है वह नेक लोगों के लिए सबसे बेहतर है। यह आयत आज के युग में हमारे लिए आशा और प्रेरणा का स्रोत है।