1. आयत का अरबी पाठ (Arabic Text)
نَزَّلَ عَلَيْكَ الْكِتَابَ بِالْحَقِّ مُصَدِّقًا لِّمَا بَيْنَ يَدَيْهِ وَأَنزَلَ التَّوْرَاةَ وَالْإِنجِيلَ
2. अरबी शब्दों के अर्थ (Arabic Words Meaning)
نَزَّلَ (नज़्ज़ला): उतारा है (क्रमिक रूप से, ढंग से)।
عَلَيْكَ (अलैका): आप पर (हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर)।
الْكِتَابَ (अल-किताब): किताब (यहाँ क़ुरआन को कहा गया है)।
بِالْحَقِّ (बिल-हक़्क़): सच्चाई के साथ।
مُصَدِّقًا (मुसद्दिक़न): पुष्टि करने वाला, सच्चा ठहराने वाला।
لِّمَا (लिमा): उस चीज़ की।
بَيْنَ يَدَيْهِ (बैना यदैहि): उसके सामने जो (पहले से मौजूद) है।
وَ (व): और।
أَنزَلَ (अन्ज़ला): उतारा था।
التَّوْرَاةَ (अत-तौरात): तौरात (हज़रत मूसा पर उतारी गई किताब)।
وَالْإِنجِيلَ (वल-इंजील): और इंजील (हज़रत ईसा पर उतारी गई किताब)।
3. पूर्ण व्याख्या (Full Explanation in Hindi)
यह आयत क़ुरआन की स्थिति और भूमिका को स्पष्ट करती है। पिछली आयतों में अल्लाह के अस्तित्व और उसके गुणों का वर्णन करने के बाद, अब वह अपनी महान कृपा – क़ुरआन – का परिचय दे रहा है।
इस आयत के तीन मुख्य बिंदु हैं:
1. नज़्ज़ला अलैकल किताबा बिल-हक़्ग़ (उसने आप पर सच्चाई के साथ यह किताब उतारी है):
यहाँ "किताब" से मतलब पवित्र क़ुरआन से है।
"बिल-हक़्क़" (सच्चाई के साथ) का अर्थ है कि क़ुरआन का हर शब्द, हर आदेश-निषेध, हर कहानी और हर ज्ञान पूर्ण रूप से सत्य है। इसमें कोई संदेह, भ्रम या त्रुटि नहीं है। यह जीवन के हर पहलू के लिए सच्चा मार्गदर्शन है।
2. मुसद्दिक़न लिमा बैना यदैहि (उस किताब की पुष्टि करने वाली है जो उससे पहले आ चुकी है):
क़ुरआन एक नई किताब होते हुए भी पिछले सभी ईश्वरीय ग्रंथों (तौरात, ज़बूर, इंजील) के मूल सिद्धांतों की पुष्टि करता है। यह इस बात का प्रमाण है कि सभी पैगंबर एक ही अल्लाह के भेजे हुए थे और उनका मूल संदेश एक ही था – "तौहीद" (अल्लाह की एकता)।
3. व अन्ज़लत तौरात वल इंजील (और उसने तौरात और इंजील उतारी थी):
अल्लाह यह स्पष्ट करता है कि जिस तरह क़ुरआन को उसने उतारा है, ठीक उसी तरह पहले तौरात और इंजील भी उसी अल्लाह की ओर से उतारी गई थीं। इससे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के विरोधियों के इस आरोप का खंडन होता है कि आप कोई नया धर्म लेकर आए हैं।
4. शिक्षा और सबक (Lesson and Moral)
क़ुरआन का महत्व: इस आयत से क़ुरआन के महत्व का पता चलता है। इसे "सच्चाई के साथ" उतारा गया है, इसलिए इसके हर शब्द पर पूर्ण विश्वास (ईमान) रखना हर मुसलमान का कर्तव्य है।
सभी पैगंबरों पर ईमान: यह आयत हमें सिखाती है कि हमें सभी पैगंबरों और उन पर उतारी गई मूल किताबों पर विश्वास करना चाहिए। इस्लाम एक संकीर्ण विचारधारा नहीं बल्कि सभी ईश्वरीय धर्मों का सार और पूर्णता है।
धार्मिक सद्भाव: यह आयत यहूदियों और ईसाइयों (अहले-किताब) के साथ सम्मानपूर्ण संवाद की नींव रखती है, क्योंकि उनके मूल ग्रंथ भी अल्लाह की ओर से हैं।
5. अतीत, वर्तमान और भविष्य के साथ प्रासंगिकता (Relevancy to Past, Present and Future)
अतीत में प्रासंगिकता (Relevancy to the Past):
पैगंबर के समय में: जब यह आयत उतरी, तो यह यहूदियों और ईसाइयों के लिए एक सबूत थी कि क़ुरआन उन्हीं के पैगंबरों द्वारा बताए गए अंतिम पैगंबर की किताब है। यह उन्हें इस्लाम स्वीकार करने का आमंत्रण था।
मूल एकता का संदेश: इसने यह सिद्ध किया कि अल्लाह का धर्म शुरू से एक ही रहा है और क़ुरआन उसकी अंतिम और पूर्ण कड़ी है।
वर्तमान में प्रासंगिकता (Relevancy to the Present):
अंतर्धार्मिक संवाद (Interfaith Dialogue): आज के globalized world में, यह आयत विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच समझ और सद्भाव पैदा करने का आधार बन सकती है। यह सिखाती है कि हम दूसरों के पैगंबरों और किताबों का सम्मान करें।
क़ुरआन की सत्यता: आज विज्ञान और तर्क का युग है। क़ुरआन का "बिल-हक़्क़" (सच्चाई के साथ) होना आज के मनुष्य के लिए एक चुनौती और आमंत्रण है कि वह इसे तर्क और शोध की कसौटी पर परखे। आधुनिक वैज्ञानिक खोजें क़ुरआन की आयतों की सच्चाई को लगातार साबित कर रही हैं।
भविष्य में प्रासंगिकता (Relevancy to the Future):
शाश्वत मार्गदर्शन: क़ुरआन अंतिम ईश्वरीय ग्रंथ है और कयामत तक आने वाली मानवजाति के लिए मार्गदर्शक है। जब तक दुनिया रहेगी, यह "सच्चाई के साथ" मानवता का मार्गदर्शन करता रहेगा।
एकता का प्रतीक: भविष्य में जब धार्मिक मतभेद और तनाव बढ़ सकते हैं, यह आयत यहूदी, ईसाई और मुसलमानों को उनके साझा विश्वास (एक अल्लाह, पैगंबर और आखिरत) की याद दिलाकर एकता का सूत्र बन सकती है।
निष्कर्ष:
क़ुरआन 3:3 क़ुरआन की स्थिति को एक अंतिम, सत्य और पुष्टिकारक ग्रंथ के रूप में स्थापित करती है। यह अतीत के साथ जुड़ाव, वर्तमान में मार्गदर्शन और भविष्य के लिए आशा की किरण है। यह इस्लाम की सार्वभौमिकता और उदारता को दर्शाती है।