आयत का अरबी पाठ:
وَمَن يَعْمَلْ مِنَ الصَّالِحَاتِ مِن ذَكَرٍ أَوْ أُنثَىٰ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَأُولَٰئِكَ يَدْخُلُونَ الْجَنَّةَ وَلَا يُظْلَمُونَ نَقِيرًا
हिंदी अनुवाद:
"और जो कोई नेक काम करेगा, चाहे वह पुरुष हो या स्त्री, बशर्ते कि वह ईमान वाला हो, तो ऐसे लोग जन्नत में दाखिल होंगे और उन पर एक धागे के बराबर भी ज़ुल्म नहीं किया जाएगा।"
📖 आयत का सार और सीख:
इस आयत का मुख्य संदेश ईमान और नेक अमल करने वाले सभी लोगों के लिए जन्नत का वादा है। यह हमें सिखाती है:
लैंगिक समानता: पुरुष और स्त्री दोनों के लिए समान अवसर
सफलता की शर्तें: ईमान + नेक अमल = जन्नत
पूर्ण न्याय: बिना किसी कमी के पूरा बदला
न्याय की गारंटी: जरा सा भी अन्याय नहीं
🕰️ ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Past Relevance):
लैंगिक समानता का संदेश: जब दुनिया में औरतों को हेय दृष्टि से देखा जाता था, इस्लाम ने उन्हें बराबरी का दर्जा दिया।
पिछली आयत का विस्तार: आयत 4:123 में कर्म के महत्व के बाद, इस आयत में सकारात्मक पक्ष बताया गया।
समाज सुधार: अरब समाज में औरतों की स्थिति सुधारने का संदेश।
💡 वर्तमान और भविष्य के लिए प्रासंगिकता (Contemporary & Future Relevance):
1. लैंगिक समानता और न्याय:
धार्मिक अधिकार: औरतों के धार्मिक अधिकारों की पुष्टि
सामाजिक न्याय: समाज में औरतों के लिए बराबरी का संदेश
पारिवारिक अधिकार: परिवार में औरतों की गरिमा
2. आध्यात्मिक विकास:
सभी के लिए अवसर: पुरुष और स्त्री दोनों के लिए आध्यात्मिक उन्नति
ईमान की महत्ता: ईमान के बिना नेक अमल बेकार
नेकी का प्रसार: समाज में अच्छाई फैलाने की जिम्मेदारी
3. सामाजिक जीवन:
शैक्षिक अवसर: लड़कियों की शिक्षा का महत्व
पेशेवर जीवन: औरतों के काम की कद्र
सामाजिक योगदान: औरतों के समाज के लिए योगदान
4. युवाओं के लिए मार्गदर्शन:
लैंगिक सम्मान: लड़के-लड़कियों में आपसी सम्मान
चरित्र निर्माण: अच्छे चरित्र का विकास
सकारात्मक सोच: जन्नत की उम्मीद से प्रेरणा
5. पारिवारिक जीवन:
पारिवारिक कर्तव्य: पति-पत्नी दोनों की जिम्मेदारी
बच्चों की परवरिश: लड़के-लड़कियों में भेद न करना
पारिवारिक नेकी: परिवार में अच्छाई का माहौल
6. डिजिटल युग में प्रासंगिकता:
ऑनलाइन नेकी: इंटरनेट पर अच्छाई फैलाना
डिजिटल समानता: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर समानता
वर्चुअल अच्छाई: सोशल मीडिया पर सकारात्मकता
7. भविष्य के लिए मार्गदर्शन:
आधुनिक चुनौतियाँ: नए जमाने में ईमान की हिफाज़त
तकनीक और नेकी: टेक्नोलॉजी का सकारात्मक इस्तेमाल
वैश्विक समानता: दुनिया में समानता का संदेश
निष्कर्ष:
कुरआन की यह आयत ईमान और नेक अमल करने वाले सभी लोगों के लिए जन्नत के वादे की पुष्टि करती है। यह सिखाती है कि अल्लाह के यहाँ पुरुष और स्त्री दोनों के लिए समान अवसर हैं और उन्हें उनके कर्मों का पूरा बदला मिलेगा। आधुनिक युग में जहाँ लैंगिक समानता और न्याय के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, यह आयत इस्लाम की प्रगतिशील सोच और न्यायप्रियता को दर्शाती है। सच्ची सफलता ईमान और नेक अमल में है, न कि लिंग या हैसियत में।
वालहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
(और सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो सारे जहानों का पालनहार है)