Read Quran translation in Hindi with verse-by-verse meaning and time-relevant explanations for deeper understanding.

कुरआन की आयत 4:125 की पूरी व्याख्या

 आयत का अरबी पाठ:

وَمَنْ أَحْسَنُ دِينًا مِّمَّنْ أَسْلَمَ وَجْهَهُ لِلَّهِ وَهُوَ مُحْسِنٌ وَاتَّبَعَ مِلَّةَ إِبْرَاهِيمَ حَنِيفًا ۗ وَاتَّخَذَ اللَّهُ إِبْرَاهِيمَ خَلِيلًا

हिंदी अनुवाद:
"और उस व्यक्ति से अच्छा दीन (जीवन-पद्धति) किसका हो सकता है जिसने अल्लाह के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया और वह अच्छे कर्म करने वाला है और उसने इब्राहीम के सीधे मार्ग का अनुसरण किया, और अल्लाह ने इब्राहीम को अपना दोस्त बनाया।"


📖 आयत का सार और सीख:

इस आयत का मुख्य संदेश सर्वोत्तम जीवन पद्धति के मापदंड के बारे में है। यह हमें सिखाती है:

  1. आत्मसमर्पण का महत्व: अल्लाह के लिए पूर्ण समर्पण

  2. अच्छे कर्मों की आवश्यकता: सिर्फ दावों से काम नहीं चलेगा

  3. इब्राहीम का मार्ग: सीधा और सच्चा रास्ता

  4. अल्लाह की दोस्ती: इब्राहीम का विशेष सम्मान


🕰️ ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Past Relevance):

  • इब्राहीम की विरासत: यह आयत पैगंबर इब्राहीम के सीधे मार्ग का उल्लेख करती है, जो सभी पैगंबरों के लिए आदर्श था।

  • अहले-किताब के लिए मार्गदर्शन: यहूदी और ईसाई जो इब्राहीम को मानते थे, उन्हें सही रास्ता दिखाना।

  • इस्लाम की सार्वभौमिकता: दिखाना कि इस्लाम कोई नया धर्म नहीं, बल्कि इब्राहीम का ही मार्ग है।


💡 वर्तमान और भविष्य के लिए प्रासंगिकता (Contemporary & Future Relevance):

1. आध्यात्मिक जीवन:

  • पूर्ण समर्पण: अल्लाह के प्रति पूरी तरह समर्पित होना

  • ईमान और अमल: विश्वास और कर्म दोनों का संतुलन

  • आदर्श जीवन: इब्राहीम का जीवन आदर्श के रूप में

2. सामाजिक जीवन:

  • सच्चाई का मार्ग: हर क्षेत्र में सीधा और सच्चा रास्ता

  • नैतिक मूल्य: ईमानदारी और अच्छाई पर टिका जीवन

  • सामाजिक responsibility: समाज के प्रति दायित्व की भावना

3. अंतरधार्मिक संवाद:

  • साझा विरासत: इब्राहीम सभी इब्राहीमी धर्मों के पैगंबर

  • सद्भाव का मार्ग: धार्मिक सद्भाव के लिए आधार

  • एकता का संदेश: सभी के लिए एक ही मार्ग

4. युवाओं के लिए मार्गदर्शन:

  • जीवन का लक्ष्य: स्पष्ट लक्ष्य और दिशा

  • चरित्र निर्माण: मजबूत चरित्र और नैतिकता

  • आदर्श प्रेरणा: इब्राहीम जैसे आदर्शों से प्रेरणा

5. आधुनिक चुनौतियाँ:

  • भौतिकवाद के बीच: भौतिकता में आध्यात्मिकता बनाए रखना

  • नैतिक संकट: नैतिक मूल्यों की रक्षा करना

  • पहचान का संकट: स्पष्ट धार्मिक और नैतिक पहचान

6. भविष्य के लिए मार्गदर्शन:

  • टिकाऊ जीवन पद्धति: स्थायी और संतुलित जीवन शैली

  • वैश्विक नागरिकता: विश्व समुदाय में सकारात्मक भूमिका

  • तकनीक और आध्यात्मिकता: डिजिटल युग में आध्यात्मिकता


निष्कर्ष:

कुरआन की यह आयत सर्वोत्तम जीवन पद्धति का आदर्श प्रस्तुत करती है। यह सिखाती है कि सबसे अच्छा मार्ग वह है जिसमें इंसान अल्लाह के लिए पूरी तरह समर्पित हो, अच्छे कर्म करे और पैगंबर इब्राहीम के सीधे मार्ग का अनुसरण करे। आधुनिक युग में जहाँ लोग भटकाव और अर्थहीनता का शिकार हैं, यह आयत जीवन का स्पष्ट लक्ष्य और सही दिशा प्रदान करती है। अल्लाह की दोस्ती का सम्मान पाने का रहस्य इसी मार्ग में है।

वालहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
(और सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो सारे जहानों का पालनहार है)